Tuesday, June 29, 2010

नहीं रहे मशहूर पहलवान चंदगीराम

अपने जमाने के दिग्गज पहलवान और बैंकाक एशियाई खेलों [1970] के स्वर्ण पदक विजेता मास्टर चंदगीराम का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे चंदगीराम को सुबह अपने अखाड़े में ही दिल का दौरा पड़ा। वह 72 साल के थे। उनके परिवार में बेटा जगदीश कालीरमन और बेटी सोनिका कालीरमन हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं। हरियाणा के हिसार जिले में 1937 में जन्में चंदगीराम ने शुरू से ही कुश्ती को अपना लिया था और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते। वह हिंद केसरी, भारत केसरी और रुस्तम-ए-हिंद भी बने। उन्होंने बाद में युवा पहलवानों को तैयार करने का बीड़ा उठाया और उनके चंदगीराम अखाड़े ने देश को कई नामी पहलवान दिए। भारत सरकार ने उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने अपने सक्रिय करियर के बाद भी इसमें योगदान देना जारी रखा। उन्होंने महिलाओं को भी यह खेल अपनाने के लिए प्रेरित किया और दिल्ली में अखाड़ा बनाया ताकि महिलाएं इस खेल को अपना सकें। मास्टर चंदगीराम के निधन से सिर्फ कुश्ती जगत ही नहीं बल्कि भारतीय खेलों को बड़ी क्षति हुई है।

1 comment:

Subhash Rai said...

Ajitjee, aap ke blag par aakar bahut dukhad suchana mili. Yah in arthon men aur bhi dukhad hai ki desh ke is gaurav ke chale jaane ki khabar akhbaron men is tarah nahi aayee ki dikhayee pade. Yah media ko pata nahi kya ho gaya hai ki aisi mahtvpurn khabaron se kinara kar lete hain.